ये मैंने अपने कॉलेज में लिखी थी। ये कविता नहीं ये बहुत लोगों की फीलिंग्स हैं।
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ये कविता लिखी है मैंने बदलते हालात को देखकर
कभी मिला करते थे जो मुस्कुराकर
Hi बोलना तो दूर
आज चले जाते हैं नजरें फेरकर
ये करिश्मा है गर्लफ्रेंड पाने का
library में हो तो बुक्स बुक्स नहीं दिखती
कैंटीन में साथ हो तो
कोई दोस्त दोस्त नहीं दिखता
शैलेश इस जालिम दुनिया की यही रीत है
जिंदगी में कोई अपना नहीं होता
जब भी जोड़ना चाहा रिश्ता तुमने
तोहफे ही पाए है धोखे के तुमने
एक मुस्की मारने में तेरा क्या जाता है
लोग ये तो समझेंगे की भुला नहीं
यु ही मुस्कुराता रह कि भूलनेवाला भी सोचे
कि क्यूँ वो तुझे भुला नहीं
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ये कविता लिखी है मैंने बदलते हालात को देखकर
कभी मिला करते थे जो मुस्कुराकर
Hi बोलना तो दूर
आज चले जाते हैं नजरें फेरकर
ये करिश्मा है गर्लफ्रेंड पाने का
library में हो तो बुक्स बुक्स नहीं दिखती
कैंटीन में साथ हो तो
कोई दोस्त दोस्त नहीं दिखता
शैलेश इस जालिम दुनिया की यही रीत है
जिंदगी में कोई अपना नहीं होता
जब भी जोड़ना चाहा रिश्ता तुमने
तोहफे ही पाए है धोखे के तुमने
एक मुस्की मारने में तेरा क्या जाता है
लोग ये तो समझेंगे की भुला नहीं
यु ही मुस्कुराता रह कि भूलनेवाला भी सोचे
कि क्यूँ वो तुझे भुला नहीं
ab to kuch bhe likega kya sale....
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteAll is welllllll
ReplyDeletewahhh ...
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