अभी तो तेरे गुनाहों का हिसाब होगा
कुछ अनकहे सवालों का जवाब होगा
पहचानना गौर से अपने दुश्मनों को
मिलेंगे वो तो चेहरों पे नकाब होगा
मिल जायेगा हमदर्द किसी को जहां में
ये तेरे मन का भ्रम या कोई ख्वाब होगा
रुकना नहीं मुश्किलों से डरकर कभी
बढ़ता रहा जो वही कामयाब होगा
खुश तो होते हैं कुछ पाने पे सभी
खोने पे जो मुस्कुराया वो नवाब होगा
कभी मत देना किसी को मशवरा शैल
वक़्त के साथ अपना ही दामन खराब होगा